जब अमेरिकी राष्ट्रपति पर हुआ जूते से हमला: क्या थी पूरी कहानी?

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George W. Bush shoeing incident in Hindi: मान लीजिए कि आप तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वी. बुश की एक सामान्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हो रहे थे। और अचानक, एक जूता राष्ट्रपति के सिर के ऊपर से उड़ता है! ये कोई फिल्मी सीन नहीं है, हकीकत में ऐसा हुआ, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया. यह महज़ एक स्मारकीय विरोधाभासी घटना नहीं थी। यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति और मीडिया के बीच दर्शन के तरीकों पर चर्चा थी। आप सोच रहे होंगे कि क्यों? आइए हम उस घटना के बारे में गहराई से जानें जिसने दुनिया भर में सदमे की लहर पैदा कर दी, और जानें कि कैसे एक छोटी सी घटना राजनीति और दुनिया पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

जॉर्ज डब्ल्यू बुश को जूते मारने की पूरी कहानी

दिनांक था 14 दिसंबर, 2008, और स्थान था बग़दाद, इराक की राजधानी। जॉर्ज वी. बुश यहाँ क्यों थे? वे अपनी द्वितीयक अवधि के अंत में इराकी लोगों और सरकार के साथ साझा सफलता और चुनौतियों को मान्यता देने के लिए यहाँ थे। लेकिन, एक असमान्य घटना हुई।

मुंतधर अल-ज़ैदी, एक इराकी पत्रकार, ने अचानक अपने जूते उछाल दिए और जोर से चिल्लाया, “यह विदाई की चोट है, आपके कुत्ते!” उसकी आवाज़ में गुस्सा और आक्रोश था। और फिर, बुश जल्दी से अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए, जूते से बचने में सफल रहे। उनका मुख न सिर्फ अच्छंभित लग रहा था, बल्कि उसमें एक हल्की हंसी भी थी। वे उस समय को जबरदस्ती में लेने और उसके अनुप्रिय प्रतिसाद को टालने में सफल रहे।

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जॉर्ज डब्ल्यू बुश कौन थे?

जॉर्ज वॉकर बुश, अमेरिका के 43वें राष्ट्रपति, उनके पिता जॉर्ज हर्बर्ट वॉकर बुश के बाद 2001 से 2009 तक दो कार्यकालों के लिए सेवानिवृत्त हो चुके थे। वे एक रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य थे और उनका शासनकाल विशेष रूप से 9/11 आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में याद किया जाता है।

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बुश के अधिकारकाल में, अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान और इराक में युद्ध शुरू किया, जिसे वायरटप और इराकी विद्रोह के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अपने शासनकाल में सूचना और सुरक्षा कानूनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए और विश्वव्यापी आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई को मार्गदर्शित किया।

उनके शासनकाल में अमेरिकी नीतियों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कई उतार-चढ़ाव हुए, जिसका प्रतिसाद विभाजित था। बुश के नेतृत्व और नीतियों पर आलोचना भी होती रही, लेकिन उन्हें उनके संघर्षशील और निर्णायक प्रकृति के लिए भी याद किया जाता है।

मुंतधर अल-ज़ैदी: कौन थे वे?

मुंतधर अल-ज़ैदी एक इराकी पत्रकार थे, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 2008 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वी. बुश की दिशा में अपने जूते फेंकने के लिए जाना जाता है। उस समय वे अल-बग़दादिया टेलीविजन, एक इराकी समाचार चैनल के लिए काम कर रहे थे।

अल-ज़ैदी का इस अद्वितीय प्रदर्शन न केवल उसे विश्व समाचार में स्थान दिलाया, बल्कि उसे कुछ लोगों के बीच एक हीरो की भावना भी मिली, जो अमेरिकी उपस्थिति और उसकी इराक में नीतियों से असहमत थे। उसके जूते फेंकने की क्रिया ने इस बात की पुष्टि की कि कैसे एक व्यक्ति की साहसिक क्रिया उसके देश के लिए महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।

जैदी की इस क्रिया को कई लोगों ने उसके देश में अमेरिका द्वारा की गई युद्ध की कार्यवाही और उसके प्रतिष्ठान के खिलाफ एक प्रतिरोध माना।

प्रतीकवाद और सांस्कृतिक व्याख्या

अगर हम उस घटना को सिर्फ एक जूता फेंकने वाली घटना के रूप में देखते हैं, तो हम उसकी गहराई को अनदेखा कर रहे होंगे। मध्य पूर्वी संस्कृतियों में, जूता फेंकना या जूते के तले दिखाना एक अत्यंत अपमानजनक इशारा माना जाता है। यह एक व्यक्ति के प्रति सख्त असम्मान की अभिव्यक्ति है।

इस घटना के तुरंत बाद, जवाब आया। स्थानीय स्तर पर, कई इराकी लोग अल-ज़ैदी को एक हीरो के रूप में मानने लगे, जबकि अन्य लोगों ने इसे एक अशिष्ट और अविवेकी अभिव्यक्ति माना। वैश्विक स्तर पर, यह घटना तेजी से वायरल हो गई और समाचार चैनलों, रेडियो, और समाचार पत्रिकाओं में प्रमुख शीर्षक बन गई। लोग इस घटना को देखकर अमेरिकी नीतियों, मध्य पूर्व में अमेरिकी उपस्थिति, और उसके परिणामों के प्रति विकेन्द्रीकृत भावनाओं के बारे में चर्चा करने लगे।

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परिणाम

घटना के तुरंत बाद, मुंतधर अल-ज़ैदी को गिरफ्तार किया गया। उसे ज़बरदस्ती की मार के आरोप में मुकदमा चलाया गया, और उसे तीन साल की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में नौ महीनों तक कम कर दिया गया। अल-ज़ैदी ने दावा किया कि उसे हिरासत में यातना दी गई थी। इसके बावजूद, उसे कई लोगों द्वारा एक हीरो के रूप में देखा जाता था, जिन्होंने उसकी क्रियावली को एक प्रतिरोध की प्रतीक के रूप में माना।

जॉर्ज वी. बुश ने घटना के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह एक व्यक्तिगत अपमान नहीं था, बल्कि यह स्वतंत्रता की जीत थी – जिसे वह इस तरह से व्यक्त करने का हक रखता है। वह ने यह भी जोड़ा कि यह घटना उसे चौंकाने वाली नहीं थी, और वह अब भी अमेरिकी और इराकी संबंधों को मजबूती से देखता है।

प्रभाव

आज भी, जब भी हम जॉर्ज वी. बुश के राष्ट्रपतित्व की चर्चा करते हैं, यह जूता प्रकरण विचार किया जाता है। यह घटना पॉप कल्चर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और अक्सर चर्चा, मजाक और संवाद में उल्लेख होती है।

जूता फेंकने की इस घटना ने अमेरिका द्वारा इराक के अधिकारण के खिलाफ विरोध की भावना को प्रतीकित किया। यह घटना व्यक्तिगत आक्रोश से ज्यादा, एक पूरे देश के लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती थी।

इस घटना के बाद, विश्वभर में कई ऐसी घटनाएं हुईं जहाँ प्रमुख व्यक्तियों पर जूते फेंके गए। यह दिखाता है कि कैसे एक अद्वितीय प्रोत्साहन एक आंदोलन का हिस्सा बन सकता है, और जूता फेंकने का क्रियाकलाप अब विरोध की एक सामान्य भाषा बन गई है।

निष्कर्ष

जॉर्ज वी. बुश को जूता फेंकने वाली घटना ने हमें यह दिखाया कि कैसे एक छोटी सी, प्रतीकात्मक क्रियावली वैश्विक राजनीति और मीडिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह घटना ने हमें सिखाया कि वास्तविक शक्ति प्रतीकों में होती है, और यह कैसे जन सामान्य की भावनाओं और विचारों को प्रकाशित कर सकता है।

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स्रोत और संदर्भ:

  1. cbsnews.com Iraqi journalist who threw shoes at George W. Bush says his only regret is he “only had two shoes
  2. George W. Bush shoeing incident – Wikipedia

जॉर्ज वी. बुश के जूता प्रकरण पर आधारित कुछ सामान्य प्रश्न (FAQs)

जॉर्ज वी. बुश पर जूता क्यों फेंका गया?

जूता फेंकने वाले पत्रकार मुंतधर अल-ज़ैदी का मानना था कि इससे वह अमेरिका की इराक पर हुई आक्रमण के खिलाफ अपनी असंतोष की भावना प्रकट कर रहे थे।

जूता फेंकने का मतलब क्या है?

मध्य पूर्वी संस्कृतियों में, किसी पर जूता फेंकना उसे अपमानित करने का तरीका माना जाता है।

मुंतधर अल-ज़ैदी के जूता फेंकने के बाद क्या हुआ?

वह तुरंत गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे सजा भी सुनाई गई।

जॉर्ज वी. बुश ने इस घटना पर कैसे प्रतिक्रिया की?

बुश ने जूते से बचने के बाद मुस्कान की और इसे अनदेखा कर दिया। बाद में वे ने कहा कि यह लोकतंत्र की अभिव्यक्ति थी।

क्या इस घटना के बाद और भी ऐसी घटनाएँ हुईं?

हाँ, इस घटना के बाद कई अन्य लोगों ने विभिन्न जगहों पर ऐसे प्रदर्शन किए। यह घटना ने अन्य लोगों को भी प्रेरित किया।

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Abhijit Chetia
अभिजीत चेतिया Hindimedium.net के संस्थापक हैं। उन्हें लेखन और ब्लॉगिंग करना बहुत पसंद है, विशेष रूप से व्यवसाय, तकनीक और मनोरंजन पर। वे एक वर्चुअल असिस्टेंट टीम का भी प्रबंधन करते हैं। फाइवर पर एक टॉप सेलर भी हैं। अभिजीत ने हिंदीमीडियम.नेट की स्थापना अपने लेखन और विचारों को एक प्लेटफॉर्म देने के लिए की थी। वे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के साथ अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए हिंदी ब्लॉगोस्फीयर को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। www.linkedin.com/in/abhijitchetia

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