सर एडमंड हिलेरी की जीवनी हिंदी में: वे शिखर जिन्हें छुआ तो बस आसमान ही छू लिया था। एडमंड हिलेरी, एक उत्कृष्ट अभियांत्रिकी और प्रशासक होने के साथ-साथ, पहाड़ों के शिखर छूने वाले पहले व्यक्ति के रूप में भी प्रसिद्ध हुए थे। उन्होंने 29 मई, 1953 को अपने साथी शेर्पा तेंजिंग नॉर्गे जी के साथ संयुक्त रूप से सबसे ऊँचे पर्वत, माउंट एवरेस्ट को जीता। इस उपलब्धि ने उन्हें विश्वभर में मान्यता और प्रशंसा दिलाई।
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Field | Description | Answer |
---|---|---|
नाम | एडमंड हिलेरी का नाम | एडमंड पर्सीवल हिलेरी |
जन्म तिथि | एडमंड हिलेरी का जन्म तिथि | 20 जुलाई 1919 |
जन्म स्थान | एडमंड हिलेरी का जन्म स्थान | ऑकलैंड, न्यूजीलैंड |
मृत्यु तिथि | एडमंड हिलेरी की मृत्यु तिथि | 11 जनवरी 2008 |
मृत्यु स्थान | एडमंड हिलेरी की मृत्यु स्थान | ऑकलैंड, न्यूजीलैंड |
उपलब्धियां | एडमंड हिलेरी की उपलब्धियां |
* पहला व्यक्ति जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ा (Tenzing Norgay के साथ)
* साहसिक कार्यों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित
* रॉयल जियोग्राफिकल सोसाइटी के फेलो
* न्यूजीलैंड रॉयल सोसाइटी के फेलो
जीवन की शुरुआत
श्री एडमंड हिलेरी का जन्म 20 जुलाई, 1919 को न्यू जीलैंड के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता ने उन्हें पहाड़ों के खीलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया था, और इस प्रेरणा ने एडमंड के प्रत्येक कदम को पर्वतारोहण की ओर बढ़ाया।
एडमंड की बढ़ती हुई प्रतिभा ने उन्हें उच्च पर्वत चढ़ाई की ओर ले जाया और उन्होंने न्यू जीलैंड के पहाड़ों में ट्रेकिंग शुरू किया। उन्होंने बाद में यूरोप के बहुत सारे पर्वतों पर भी चढ़ाई की, जो उन्हें पर्वतारोहण के क्षेत्र में उभरते तारीख़ों में विशेषज्ञ बन गए।
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दृढ़ संकल्प
वे सपने देखते थे जिन्हें अन्य लोग संभालने से पीछे हटते थे। जब एडमंड ने पहली बार एवरेस्ट को देखा, तो उनके मन में सोचने की भावना जागृत हुई। वे तत्कालीन समय के तकनीकी और भौतिकी बाधाओं के बावजूद भी इस बड़े चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थे। उन्होंने खुद को पर्वतारोहण में खींच लिया था, जो एक पर्वतारोही के लिए आवश्यक होता है।
एवरेस्ट की ओर अग्रसर
एडमंड और उनके साथी शेर्पा तेंजिंग नॉर्गे ने एवरेस्ट को जीतने की तैयारी शुरू की। वे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते गए और बेहद कठिनाईयों का सामना करने के बावजूद नहीं हारे। माउंट एवरेस्ट आरोहण का मार्ग अनेक जोखिमों से भरा होता है और एडमंड और उनके दल ने इस चुनौती से अपनी निडरता और साहस से परास्त किया।
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ऐतिहासिक उपलब्धि
29 मई, 1953 को, एडमंड हिलेरी और तेंजिंग नॉर्गे ने अपने पर्वतारोहण की सफलता के साथ इतिहास रच दिया। उन्होंने समुद्र तल से लगभग 29,029 फीट की ऊँचाई पर अटल चोटी पर पहुंचकर विश्व को एक अद्भुत उपलब्धि दी। उनके साहस, समर्पण और दृढ़ संकल्प ने दुनिया को प्रभावित किया और उन्हें एक प्रेरणा स्रोत बना दिया।
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उपलब्धि के पश्चात्
उनके उपलब्धि के पश्चात्, एडमंड हिलेरी को नेपाल और न्यू जीलैंड में राष्ट्रीय खेल रत्न से सम्मानित किया गया। उन्हें विभिन्न सम्मान और पुरस्कार से भी नवाजा गया, और उन्हें विश्वभर में एक लोकप्रिय व्यक्ति बन गए।
एक प्रेरणा स्रोत
श्री एडमंड हिलेरी की जीवनी एक प्रेरणा स्रोत है। उनकी कहानी हमें दिखाती है कि संघर्ष के बावजूद सम्पन्नता की ओर पहुंचना संभव है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयाँ तो आती-जाती रहती हैं, लेकिन सहानुभूति, समर्थन और संकल्प के साथ हम उन्हें पार कर सकते हैं।
समापन
इस लेख के माध्यम से, हमने श्री एडमंड हिलेरी के जीवन और उनकी उपलब्धि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। उनके साहस, समर्पण, और दृढ़ संकल्प ने उन्हें एक महान पर्वतारोही के रूप में दुनिया की पहचान दिलाई। उनकी कहानी हमें साहस, समर्थन, और संकल्प का महत्व बताती है। आज हम उन्हें सलाम करते हैं और उनके योगदान को स्मरण करते हैं, जो हमें यह सिखाता है कि हम भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य समय और संघर्ष के बाद भी, हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहें और निरंतर प्रयास करें, तो संभवतः हम भी उन्हीं तरीके से सफल हो सकते हैं जिस तरह श्री एडमंड हिलेरी ने अपने जीवन में किया। इसलिए, आओ हम सभी अपने सपनों की पुर्तत्व के लिए प्रतिबद्ध हो जाएँ और समर्थन और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ें।
पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. श्री एडमंड हिलेरी कौन थे?
श्री एडमंड हिलेरी न्यू जीलैंड के प्रसिद्ध पर्वतारोही और खिलाड़ी थे। उन्होंने 1953 में अपने साथी शेर्पा तेंजिंग नॉर्गे के साथ विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को जीता।
2. उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य?
- पूरा नाम: सर एडमंड परकर हिलेरी
- जन्म तिथि: 20 जुलाई, 1919
- जन्म स्थान: टूकमै, न्यू जीलैंड
- मृत्यु तिथि: 11 जनवरी, 2008
- साथी शेर्पा: तेंजिंग नॉर्गे
3. क्या उन्होंने कभी किसी अन्य पर्वत पर भी चढ़ाई की थी?
हां, एडमंड हिलेरी ने माउंट एवरेस्ट के अलावा दुनिया के कई अन्य पर्वतों पर भी चढ़ाई की थी। उन्होंने यूरोप के अनेक पर्वतों में भी अपनी बेहतरीन प्रदर्शन की थी।
4. उन्होंने अपने सफलता के बाद क्या किया?
उनके एवरेस्ट जीतने के बाद, एडमंड हिलेरी ने सम्पूर्ण दुनिया में प्रसिद्धता प्राप्त की। उन्हें नेपाल और न्यू जीलैंड ने राष्ट्रीय खेल रत्न से सम्मानित किया गया और विभिन्न सम्मान और पुरस्कार से नवाजा गया। वे अब एक प्रेरणा स्रोत के रूप में भी माने जाते हैं।
5. क्या उनकी जीवनी का फिल्मी रूप बनाया गया है?
हां, श्री एडमंड हिलेरी के जीवन को फिल्मी रूप में भी प्रस्तुत किया गया है। कुछ फिल्मों और डॉक्यूमेंट्रीज़ में उनकी कहानी को दिखाया गया है जो उन्हें और उनके योगदान को यादगार बनाती हैं।
6. श्री एडमंड हिलेरी के अन्य योगदान क्या हैं?
श्री एडमंड हिलेरी के अलावा वे एक उच्च पर्वतारोही, खिलाड़ी, और लेखक भी थे। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई पर्वतारोहण एक्सपेडीशन्स और अन्य साहसिक यात्राएँ भी कीं। उन्होंने अपने जीवन भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
7. श्री एडमंड हिलेरी की उपलब्धि का महत्व क्या है?
श्री एडमंड हिलेरी की एवरेस्ट जीतने की उपलब्धि एक बेहद महत्वपूर्ण घटना थी। इससे उन्हें विश्वभर में मान्यता मिली और वे एक प्रेरणा स्रोत बन गए। उनकी सफलता ने दुनिया को यह सिखाया कि यदि मन में साहस और संकल्प हो तो किसी भी मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है।
8. उनके सफलता के पीछे के तत्व क्या थे?
श्री एडमंड हिलेरी के सफलता के पीछे उनका बड़ा संकल्प, समर्थन, और सहानुभूति का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने खुद को पर्वतारोहण में लगाकर अपने सपनों को पूरा किया और दुनिया को यह सिखाया कि जीवन में सफलता पाने के लिए विश्वास, कड़ी मेहनत, और साहस जरूरी होते हैं।
हिमालय पर चढ़ने वाला पहला व्यक्ति कौन था?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनजिंग नोर्गे 29 मई, 1953 को थे।
विश्व में सबसे पहले माउंट एवरेस्ट पर कौन चढ़ा था?
विश्व में सबसे पहले माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले व्यक्ति न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग नोर्गे थे. उन्होंने 29 मई 1953 को इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने में सफलता प्राप्त की.
माउंट एवरेस्ट पर कौन कौन चढ़ चुका है?
जनवरी 2023 तक: 6,338 अलग-अलग लोग माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंच चुके हैं। जहां एक पर्वतारोही एक से अधिक बार शिखर पर पहुंचा है, केवल उनकी पहली शिखर तिथि सूचीबद्ध की गई है; उनके शिखरों की कुल संख्या कोष्ठक में उनके नाम के बाद सूचीबद्ध है।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला भारतीय कौन है?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला भारतीय लेफ्टिनेंट कर्नल अवतार सिंह चीमा थे. उन्होंने 20 मई 1965 को इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने में सफलता प्राप्त की.
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- अभिजीत चेतिया Hindimedium.net के संस्थापक हैं। उन्हें लेखन और ब्लॉगिंग करना बहुत पसंद है, विशेष रूप से व्यवसाय, तकनीक और मनोरंजन पर। वे एक वर्चुअल असिस्टेंट टीम का भी प्रबंधन करते हैं। फाइवर पर एक टॉप सेलर भी हैं। अभिजीत ने हिंदीमीडियम.नेट की स्थापना अपने लेखन और विचारों को एक प्लेटफॉर्म देने के लिए की थी। वे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के साथ अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए हिंदी ब्लॉगोस्फीयर को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। www.linkedin.com/in/abhijitchetia
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