Internet ka avishkar kisne kiya | इंटरनेट का आविष्कार किसने किया

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इंटरनेट की खोज किसने कीइंटरनेट का आविष्कार मानव इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक है, जिसने हमारे बातचीत करने, संचार करने और दुनिया का पता लगाने के तरीके में क्रांति ला दी है।

परस्पर जुड़े कंप्यूटरों के इस असीमित नेटवर्क ने भौगोलिक सीमाओं को पार कर लिया है, जिससे दुनिया एक छोटी, अधिक सुलभ जगह बन गई है।

लेकिन इस आश्चर्यजनक उपलब्धि के बीच, एक प्रश्न जिज्ञासुओं के मन में कौंधता रहता है: इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? हमारे साथ तकनीकी सरलता के इतिहास में गहराई से उतरें क्योंकि हम उन अग्रणी दिमागों और सहयोगात्मक प्रयासों को उजागर करते हैं जिन्होंने इस विस्मयकारी डिजिटल क्रांति को जन्म दिया।

शीत युद्ध-युग की रक्षा परियोजना से लेकर आज हम जिस इंटरकनेक्टेड वैश्विक वेब को जानते हैं, इंटरनेट की शुरुआत की कहानी मानवीय जिज्ञासा, नवीनता और जुड़ने की अतृप्त इच्छा का प्रमाण है।

इंटरनेट एक विशाल ग्लोबल कंप्यूटर नेटवर्क है जो करोड़ों कंप्यूटरों को जोड़ता है। यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें कई छोटे-छोटे नेटवर्क एक दूसरे से कनेक्टेड होते हैं। इंटरनेट पर जुड़े हुए सभी कंप्यूटर TCP/IP नामक प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हैं ताकि आपस में डेटा ट्रांसफर कर सकें।

इंटरनेट की मदद से हम दुनिया भर के लोगों से कनेक्ट हो सकते हैं, इंस्टेंट मैसेजिंग और ईमेल के जरिए संदेश भेज सकते हैं, ऑनलाइन शॉपिंग और बैंकिंग का लाभ उठा सकते हैं। यह जानकारी, सेवाओं और मनोरंजन का अटूट स्रोत है।

इंटरनेट का प्रयोग और इस्तेमाल

आज कल इंटरनेट का प्रयोग लगभग हर क्षेत्र में हो रहा है। चाहे वो शिक्षा हो, व्यापार, मनोरंजन या फिर संचार। इंटरनेट ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। दुनिया के किसी भी कोने से कुछ ही सेकंड में सूचना प्राप्त की जा सकती है।

  • शिक्षा – छात्र ऑनलाइन क्लासेस, ट्यूशन और पढ़ाई कर सकते हैं। शिक्षक भी इंटरनेट की मदद से अध्यापन हेतु सामग्री तैयार कर सकते हैं।
  • व्यवसाय – कंपनियां इंटरनेट के जरिए ग्लोबल ग्राहकों तक पहुंच सकती हैं। इंटरनेट पर विज्ञापन देकर बिक्री बढ़ाई जा सकती है।
  • सरकारी सेवाएं – इंटरनेट की मदद से सरकार नागरिकों को ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया करा सकती है जैसे बिल भरना, फॉर्म डाउनलोड करना आदि।
  • बैंकिंग – इंटरनेट बैंकिंग से ग्राहक घर बैठे ही अपने खाते का संचालन कर सकते हैं।
  • मनोरंजन – इंटरनेट पर मूवीज, सीरियल्स, गेम आदि मनोरंजक सामग्री उपलब्ध है। सोशल मीडिया के जरिए लोग कनेक्ट होते हैं।
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इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?

1960 के दशक में अमेरिकी डिफेंस विभाग ने एक ऐसी तकनीक विकसित की जिससे किसी परमाणु हमले की स्थिति में भी सैन्य संचार बना रहे। इसके लिए कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क बनाया गया। यही आधुनिक इंटरनेट की नींव थी।

इस प्रोजेक्ट को ARPANET के नाम से जाना जाता था। इसमें पैकेट स्विचिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया था जिसकी खोज जे सी आर लिक्लाइडर ने की थी। 1969 में ARPANET पर पहला संदेश भेजा गया। धीरे-धीरे अन्य नेटवर्क भी ARPANET से जुड़ने लगे और आखिरकार इंटरनेट का जन्म हुआ।

1990 के दशक में टिम बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब और HTML पेश किया जिससे इंटरनेट की लोकप्रियता बढ़ी। आज इंटरनेट जीवन का अभिन्न अंग बन गया है।

इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है?

इंटरनेट का फुल फॉर्म है इंटरनेशनल नेटवर्क (International Network)। यानी अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क। इंटर + नेट + वर्क से बना है इंटरनेट शब्द।

सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?

इंटरनेट की शुरुआत अमेरिका में हुई थी। 1960-70 के दशक में अमेरिकी डिफेंस एजेंसियों ने मिलकर ARPANET नामक नेटवर्क बनाया था। यही आगे चलकर इंटरनेट बना। तो इंटरनेट का पहला प्रयोग अमेरिका में ही किया गया था।

भारत में इंटरनेट कब आया?

भारत में इंटरनेट का इतिहास काफी पुराना है। 1986-87 में देश के प्रमुख शोध संस्थानों और आईआईटी में ईमेल सुविधा उपलब्ध कराई गई। शुरुआती 1990 के दशक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इंटरनेट सेवाओं के विनियमन हेतु ई-मेल नीति अधिसूचना जारी की।

1995 में VSNL ने भारत का पहला इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर शुरू किया। इसके बाद धीरे-धीरे निजी कंपनियां भी इंटरनेट सेवाएं देने लगीं और आज भारत में 500 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स हैं।

इंटरनेट किसने बनाया?

इंटरनेट का विकास एक रात में नहीं हुआ। इसमें कई दशकों तक कई वैज्ञानिकों, एजेंसियों और कंपनियों का योगदान रहा। प्रमुख योगदानकर्ता इस प्रकार हैं:

  • JCR Licklider – उन्होंने इंटरैक्टिव कंप्यूटिंग की कल्पना की और आगे का रास्ता दिखाया।
  • Leonard Kleinrock – उन्होंने 1961 में पहला ARPANET नेटवर्क बनाया।
  • Vint Cerf and Robert Kahn – इन्होंने TCP/IP प्रोटोकॉल विकसित किया।
  • Tim Berners-Lee – इन्होंने 1989-90 में WWW और HTML बनाया।
  • Marc Andreessen – इन्होंने पहला वेब ब्राउज़र Mosaic बनाया।
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इसके अलावा DARPA, अमेरिकी विश्वविद्यालय, CERN जैसी संस्थाओं का भी योगदान रहा है।

इंटरनेट की खोज किसने की?

इंटरनेट के लिए मूलभूत पैकेट स्विचिंग तकनीक की खोज अमेरिकी वैज्ञानिक जे सी आर लिक्लाइडर ने की थी।

1960 के दशक में उन्होंने ARPANET के लिए पैकेट स्विचिंग तकनीक पर शोध किया जिससे कंप्यूटर एक दूसरे को पैकेट में डेटा भेज सकें। यही आधुनिक इंटरनेट का बुनियादी कनेक्शन प्रोटोकॉल बना।

इसलिए इंटरनेट के लिए बुनियादी तकनीक की खोज का श्रेय जेसीआर लिक्लाइडर को जाता है।

इंटरनेट के पूर्वावस्था

इंटरनेट से पहले 1950-60 के दशक में मेनफ्रेम कंप्यूटर प्रयोग में आए। इनमें एक केंद्रीय कंप्यूटर होता था जिससे टर्मिनल्स के जरिए विभिन्न यूजर्स कनेक्ट होते थे।

1960 के दशक में पैकेट स्विचिंग तकनीक पर शोध हुआ जिसने कंप्यूटर नेटवर्किंग के लिए मार्ग प्रशस्त किया। इस दौरान कंप्यूटर टाइम-शेयरिंग की कंसेप्ट पर भी काम हुआ।

ARPANET

1969 में अमेरिकी एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ने ARPANET नामक पहला कंप्यूटर नेटवर्क बनाया। इसमें चार नोड थे – UCLA, Stanford Research Institute, UC Santa Barbara और University of Utah।

यह पैकेट स्विचिंग पर आधारित था। धीरे-धीरे अन्य संस्थान भी इससे जुड़े। ARPANET ने आगे चलकर इंटरनेट के लिए मार्ग प्रशस्त किया।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP)

1973 में विंट सर्फ ने ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) की डिज़ाइन की। यह नेटवर्क पर डेटा ट्रांसफर करने का रिलायबल तरीका प्रदान करता था।

बाद में इसे TCP/IP के रूप में जाना गया जो आज भी इंटरनेट की रीढ़ है।

डोमेन नेम सिस्टम (DNS)

DNS की शुरुआत 1983 में हुई। यह डोमेन नेम को आईपी एड्रेस में कन्वर्ट करने का सिस्टम है। इससे पहले नेटवर्क पर सभी कंप्यूटर के लिए आईपी एड्रेस याद रखना पड़ता था। DNS ने इंटरनेट को यूजर फ्रेंडली बनाया।

वर्ल्ड वाइड वेब

1989-90 में टिम बर्नर्स-ली ने WWW यानि वर्ल्ड वाइड वेब और HTML भाषा का आविष्कार किया। इसने इंटरनेट को ग्राफिकल इंटरफेस प्रदान की और आम लोगों के लिए उपयोगी बनाया।

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1993 में पहला वेब ब्राउज़र मोज़ैक लॉन्च हुआ और फिर 1995 में इंटरनेट एक्सप्लोरर आया। ये सब मिलकर इंटरनेट को व्यापक बनाने में मददगार साबित हुए।

इस प्रकार इंटरनेट का विकास धीरे-धीरे कई दशकों में हुआ। आज यह दुनिया को जोड़ने वाला सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है।

भारत में इंटरनेट का विकास

  • 1986 में ERNET प्रोजेक्ट शुरू हुआ जिससे आईआईटी संस्थानों को इंटरनेट सुविधा मिली।
  • 1991 में VSNL ने भारत का पहला इंटरनेट गेटवे लॉन्च किया।
  • 1995 में भारत में पहला इंटरनेट कैफे खुला।
  • 1990 के दशक में निजी ISPs ने सेवाएं शुरू कीं। 1998 में VSNL का मोनोपॉली टूटा।
  • 2000 के बाद ब्रॉडबैंड इंटरनेट ने पैठ बनाई। मोबाइल इंटरनेट और WiFi का आगमन हुआ।
  • 2016 में Jio ने 4G लॉन्च किया जिससे डेटा क्रांति आई।
  • 2022 तक भारत में 80 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स हो गए।

भविष्य की प्रौद्योगिकियाँ

  • 5G तेज़ इंटरनेट
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स
  • वर्चुअल रियलिटी
  • क्वांटम कंप्यूटिंग
  • ब्लॉकचेन

आने वाले समय में ये तकनीक इंटरनेट को और शक्तिशाली बनाएंगी।

इंटरनेट से संबंधित कुछ प्रमुख प्रश्न

प्रश्न: इंटरनेट किसने बनाया?

उत्तर: इंटरनेट का विकास वर्षों में कई वैज्ञानिकों और संस्थानों के योगदान से हुआ।

प्रश्न: इंटरनेट कब शुरू हुआ?

उत्तर: 1960 के दशक में अमेरिका में ARPANET नेटवर्क के रूप में इंटरनेट की शुरुआत हुई।

प्रश्न: इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब में अंतर क्या है?

उत्तर: इंटरनेट नेटवर्क का नाम है जबकि WWW इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का संग्रह है।

प्रश्न: भारत में इंटरनेट कब आया?

उत्तर: 1986 में भारतीय संस्थानों में ई-मेल सुविधा शुरू हुई। 1990 के दशक में वाणिज्यिक इंटरनेट उपलब्ध हुआ।

प्रश्न: इंटरनेट के फायदे और नुकसान क्या हैं?

उत्तर: फायदे – जानकारी, संचार, सुविधा। नुकसान – प्राइवेसी, ऑनलाइन धोखाधड़ी इत्यादि।

निष्कर्ष

इंटरनेट का इतिहास 1960 से शुरू हुआ। विभिन्न वैज्ञानिकों, संस्थानों और कंपनियों के योगदान से आज यह विश्व को जोड़ने वाला सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है। भारत में भी इंटरनेट का प्रसार तेजी से हुआ है। आने वाले समय में नई तकनीकों से इंटरनेट और भी शक्तिशाली होगा।

हमने क्या सीखा

  • इंटरनेट किसने, कब और कैसे विकसित किया।
  • भारत में इंटरनेट का इतिहास और विकास।
  • इंटरनेट की भविष्य की प्रौद्योगिकियाँ।
  • इंटरनेट के प्रयोग, फायदे और नुकसान।
  • इंटरनेट से संबंधित प्रमुख संकल्पनाएँ और शब्दावली।

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