ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसके प्रमुख कारण लिखिए: पर्यावरण बचाने का महत्व

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ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसके प्रमुख कारण लिखिए: दोस्तों, आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे – ग्लोबल वार्मिंग! यह विषय हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे प्लैनेट के भविष्य को प्रभावित कर रहा है।

आइए, पहले बताते हैं, ग्लोबल वार्मिंग क्या है? इसका सीधा अर्थ है कि पूरे प्लैनेट का तापमान बढ़ रहा है। यह बदलते वायरमेंटल परिवर्तन का परिणाम है और हमारे प्लैनेट के मौसम और जलवायु को प्रभावित कर रहा है।

ग्लोबल वार्मिंग के पीछे के कारण क्या हैं? इस पर चर्चा करते हैं, और हम जानते हैं कि ये कारण हमारे औद्योगिकीकरण और प्रदूषण से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि हमारे कार्यों का एक बड़ा हिस्सा इस परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है।

इस लेख में, हम आपको ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों के बारे में जानकारी देंगे, और यह कैसे हमारे प्लैनेट और हमारे आगामी पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है। तो चलिए, इस रोचक और जानेंदार यात्रा पर चलते हैं!

ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसके प्रमुख कारण लिखिए

ग्लोबल वार्मिंग, धरती के तापमान में वृद्धि को सूचित करता है जो अधिकतर औद्योगिक और प्रदूषण गैसों के उत्सर्जन के परिणामस्वरूप हो रहा है। इसका मतलब है कि धरती का तापमान नॉर्मल से अधिक उच्च हो रहा है, जिसका सीधा असर मौसम और जलवायु पर हो रहा है।

इसका प्रमुख कारण है मानव गति के उद्योगिकीकरण और जलवायु परिवर्तन, जिसमें फॉसिल ईंधनों के उपयोग, वनों की कटाई, और अन्य प्रदूषण कार्यक्रम शामिल हैं। इनके परिणामस्वरूप, जीवों के लिए और पूरे प्लैनेट के लिए संघर्षपूर्ण परिणाम हो सकते हैं, जिसमें बदलते मौसम पैटर्न, सील स्तर की वृद्धि, और वायरमेंटल स्थितियों का संघर्ष शामिल हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारण (Primary Causes)

ग्लोबल वार्मिंग के मानव निर्मित कारण:

  1. ग्रीनहाउस गैसेस (Greenhouse Gases): ग्लोबल वार्मिंग का सबसे महत्वपूर्ण कारण है ग्रीनहाउस गैसेस का उत्सर्जन। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मेथेन (CH4), और नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) शामिल हैं, जो अत्यधिक उद्योगीकरण, वाहनों का उपयोग, और खाद्य उत्पादन के कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप वायरमेंट में जमा हो जाते हैं।
  2. वनस्पति अन्धकरण (Deforestation): वनस्पतियों का कटाव प्राकृतिक जीवन के लिए ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत होता है। ये पैदा करते हैं कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन वायरमेंट की रक्षा करके पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हैं। वनस्पतियों का अत्यधिक कटाव घरेलू और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए कई जगहों पर किया जा रहा है। इससे पर्यावरण में असंतुलन हो रहा है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग का संवृद्धि का कारण बन रहा है।
  3. वाहनों का उपयोग (Use of Vehicles): वाहनों का उपयोग, भले ही बहुत छोटी दूरी के लिए, विभिन्न गैसी उत्सर्जन का परिणाम देता है। वाहन जलवायु बदलते हैं, जो बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषाक्त पदार्थों का उत्सर्जन करते हैं, जो वायरमेंट में तापमान में वृद्धि करता है।
  4. क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (Chlorofluorocarbon – CFCs): हवा कंडीशनर्स और रेफ्रिजरेटर्स के अत्यधिक उपयोग के साथ-साथ, मानव ने CFCs को वायरमेंट में जोड़ दिया है जो वायरमेंट की ओजोन परत को प्रभावित करता है। ओजोन परत सूरज द्वारा उत्सर्जित होने वाले हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से पृथ्वी की सतह की रक्षा करती है। CFCs ने ओजोन परत की कमी की है, जिससे उल्ट्रावायलेट किरणों का पथ बना दिया है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ गया है।
  5. औद्योगिक विकास (Industrial Development): औद्योगिकीकरण के साथ, पृथ्वी का तापमान बड़ी तेजी से बढ़ गया है। कारख़ानों से निकलने वाले हानिकारक उत्सर्जन भूमि के तापमान में जोड़देते हैं।
  6. कृषि (Agriculture): विभिन्न कृषि गतिविधियाँ कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन गैस उत्पन्न करती हैं। ये वायरमेंट में हरितमान गैसों को जोड़ते हैं और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि करते हैं।
  7. अत्यधिक जनसंख्या (Overpopulation): जनसंख्या में वृद्धि एक अधिक लोगों के साथ सास लेने का मतलब है। इससे वायरमेंट में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है, वायरमेंट में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।

प्राकृतिक कारण (Natural Causes of Global Warming):

  1. ज्वालामुखियाँ (Volcanoes): ज्वालामुखियाँ ग्लोबल वार्मिंग के लिए प्राकृतिक योगदानकर्ताओं में से एक हैं। ज्वालामुखियों के फूंकने के दौरान निकलने वाला धूल और धुआं वायरमेंट में जाता है और जलवायु को प्रभावित करता है।
  2. जल वाष्प (Water Vapor): जल वाष्प एक प्रकार की ग्रीनहाउस गैस है। पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के कारण, जल उपकंपनों से और अधिक जल वायपर होता है और वृद्धि होती है।
  3. परमाफ्रॉस्ट पिघलना (Melting Permafrost): परमाफ्रॉस्ट वह जमी हुई मिट्टी है जिसमें कई वर्षों से फंसी हुई पर्यावरणिक गैसेस हैं और यह पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद होती है। यह हिमनदी में मौजूद है। जैसे ही परमाफ्रॉस्ट पिघलती है, यह उसे वायरमेंट में वापस उत्सर्जित करती है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है।
  4. जंगल की आग (Forest Blazes): जंगल की आगें या जंगली आगें ज्यादातर कार्बन युक्त धूम्रपान निकालती हैं। ये गैसेस वायरमेंट में उत्सर्जित होती हैं और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि करती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग होती है।
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#1. ग्रीनहाउस गैसेस (Greenhouse Gases)

ताप को बंद करने में ग्रीनहाउस गैसेस की भूमिका (Role of Greenhouse Gases in Trapping Heat): ग्रीनहाउस गैसेस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और मेथेन (CH4) जैसे गैसेस पृथ्वी के ताप को बंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये गैसेस सूरज से आने वाली ऊर्जा को दराज करके पृथ्वी के तापमान को उच्च करने का काम करते हैं, जिससे हमारे ग्लोबल तापमान को संभालने में मदद करते हैं।

मुख्य ग्रीनहाउस गैसेस (Major Greenhouse Gases): प्रमुख ग्रीनहाउस गैसेस में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मेथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), और फ़्लोरोकार्बन्स (HFCs, CFCs) शामिल हैं। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बड़े ही सामान्य है और यह फॉसिल ईंधन जलाने, वनों की कटाई, और औद्योगिक गतिविधियों के दौरान उत्पन्न होता है। मेथेन (CH4) गैस कानूनी खेती, बूढ़े पेड़-पौधों की डिके, और जलवायु परिवर्तन के लिए एक और महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है।

ये गैसेस एक प्रकार की पृथ्वी की बुनाई की राजा हैं, जो हमारे ग्लोबल तापमान को बढ़ाते हैं, और इसके परिणामस्वरूप मौसम पैटर्न, समुद्र स्तर, और पारिस्थितिकी को प्रभावित करते हैं।

#2. वनस्पति काटने का प्रभाव (Impact of Deforestation)

वनस्पति काटने का ग्लोबल वार्मिंग में योगदान (Contribution to Global Warming by Deforestation): वनस्पतियों की कटाई, जैसे कि वनों को उकड़ना और अकेले द्विधियों की जगह पैदा करने के लिए जगह बनाना, ग्रीनहाउस गैसेस के उत्पादन को बढ़ावा देती है, खासतर से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का। वनस्पतियाँ ताजगी को अद्यतित करने और आक्सीजन उत्पन्न करने के लिए CO2 को अपनाती हैं, लेकिन जब हम वनस्पतियों की कटाई करते हैं, तो यह कार्बन को वायुमंडल में छोड़ देती है, जिससे ग्रीनहाउस गैसेस की मात्रा बढ़ जाती है और ग्लोबल तापमान में वृद्धि होती है।

वनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका कार्बन अवशोषण में (Importance of Forests in Carbon Absorption): वनस्पतियाँ कार्बन को अपशिष्ट करने और उद्धरण करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वनस्पतियाँ वायुमंडल में मौजूद कार्बन को अपशिष्ट करने का काम करती हैं और इसे अपने स्वादु अद्भुत संरक्षण में संलग्न करती हैं। वनों की अद्भुत क्षमता होती है कि वे बड़ी मात्रा में कार्बन को शांति देते हैं, जिससे ग्रीनहाउस गैसेस की प्रवृत्ति को संतुलित रूप से रखा जा सकता है और ग्लोबल तापमान को संतुलित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

#3. औद्योगिकीकरण का योगदान (Contribution of Industrialization)

हरित औद्योगिकीकरण का बजट और स्थिति (Impact and Budget of Green Industrialization): हरित औद्योगिकीकरण, जिसे हरित उत्पादन और हरित ऊर्जा उत्पादन की ओर बढ़ने का प्रयास जाना जाता है, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेस की निषेध करने के लिए कार्बन प्रबंधन की मदद कर सकता है। हरित औद्योगिकीकरण का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह उत्पादन प्रक्रिया में कार्बन उद्सृजन को कम करने का प्रयास करता है और विद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग करता है, जो अधिक शांतिपूर्ण है। इसका यह भी मतलब है कि इसका बजट और उद्देश्य विकासशील और उद्योगिकृत देशों में ग्रीन टेक्नोलॉजी के प्रयोग की ओर बढ़ रहे हैं।

ऊर्जा उत्पादन और परिवहन का योगदान (Contribution of Energy Production and Transportation): ऊर्जा उत्पादन और परिवहन दो मुख्य कारण हैं जो ग्रीनहाउस गैसेस की वायुमंडल में छोड़ते हैं और ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देते हैं। जब वाहन और ऊर्जा उत्पादन के लिए ज्यादा फोसिल ईंधनों का उपयोग होता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य वायुमंडल खतरनाक गैसों का उत्सर्जन बढ़ाता है, जो ग्लोबल तापमान को बढ़ावा देते हैं। हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने और जन गरीबण्य वाहनों के विकास को प्रोत्साहित करने का प्रयास करना ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

#4. प्रमुख कारणों का संघटन (Combination of Primary Causes)

इन प्रमुख कारणों के इस संघटन ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कैसे बढ़ाया है, यह जानने के लिए हमें इनके संघटन को समझना आवश्यक है।

प्रमुख कारणों का संघटन है जैसे कि वनस्पति काटने से जंगलों का नष्ट हो रहा है और वनस्पतियों की अक्षमता है कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में। यही नहीं, औद्योगिकीकरण से भी कई ग्रीनहाउस गैसेस उत्सर्जित हो रही हैं, जो वायुमंडल में उचित कीमत पर नहीं हैं। जब ये सभी कारण एक साथ कार्य करते हैं, तो वायुमंडल में गैसों की गहरी स्थानांतरण होती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को और भी बढ़ावा मिलता है।

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इसके परिणामस्वरूप, हम धातुओं के पिघलने, समुद्र स्तर के वृद्धि, और असामान्य जलवायु बदलाव जैसे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के सामने हैं, जिनके कारण जीवन की सुरक्षा, पारिस्थितिकी, और मानवीय स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव पड़ रहे हैं।

इस प्रकार, प्रमुख कारणों के संघटन ने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को और भी गंभीर बना दिया है और हम सभी को उसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

#1. तापमान में वृद्धि (Rise in Temperature): ग्लोबल वार्मिंग ने पृथ्वी के तापमान में अत्यधिक वृद्धि की है। 1880 से हिसाब किया जाता है, पृथ्वी के तापमान में लगभग 1 डिग्री की वृद्धि हुई है। इससे हिमनदी के पिघलने में वृद्धि हुई है, जिससे समुद्र स्तर में वृद्धि हुई है। यह समुद्र तटीय क्षेत्रों पर भारी प्रभाव डाल सकता है।

#2. पारिस्थितिकी को खतरा (Threats to the Ecosystem): ग्लोबल वार्मिंग ने समुद्री कणों को प्रभावित किया है, जो पौधों और जीवों के जीवन की हानि कर सकते हैं। ग्लोबल तापमान की वृद्धि ने समुद्री कणों की तोड़मोड़ को भी बढ़ा दिया है।

#3. जलवायु परिवर्तन (Climate Change): ग्लोबल वार्मिंग ने जलवायु शर्तों में परिवर्तन का कारण बनाया है। कुछ स्थलों पर सूखे हो रहे हैं और कुछ स्थलों पर बाढ़ हो रही है। यह जलवायु संतुलन का परिणाम है जो ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है।

#4. रोगों का प्रसार (Spread of Diseases): ग्लोबल वार्मिंग से ताप और आर्द्रता के पैटर्न में परिवर्तन होता है। इससे डिजीज बोझने और फैलाने वाले मच्छरों का प्रवास होता है।

#5. अधिक मौत दरें (High Mortality Rates): बाढ़, सुनामी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ जाने के कारण, औसत मौत की दर आमतौर पर बढ़ जाती है। ऐसे घटनाएँ मानव जीवन को प्रभावित करने वाली बीमारियों का प्रसार भी ला सकती हैं।

#6. प्राकृतिक आवास की हानि (Loss of Natural Habitat): जलवायु में होने वाले एक वैश्विक परिवर्तन से कई पौधों और जीवों के आवास की हानि होती है। इस स्थिति में, जीवों को अपने प्राकृतिक आवास से प्रवास करना पड़ता है और उनमें से कई विलीन हो जाते हैं। यह जैव विविधता पर ग्लोबल वार्मिंग का एक और प्रमुख प्रभाव है।

ग्लोबल वार्मिंग क्यों महत्वपूर्ण है (Why This Matters)

इसके महत्व को समझाना व्यापक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों की समझ मानवता के लिए गंभीर प्राकृतिक, सामाजिक, और नीति संबंधित प्रभाव को समझने में मदद करती है।

इसके अलावा, यह हमें यह जानने में भी मदद करता है कि हम आगे कैसे बढ़ सकते हैं और इस घातक समस्या को कैसे समझकर और नियंत्रित कर सकते हैं।

सामाजिक दिक्षा:

ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों की समझ समाज के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके प्रभाव सामाजिक समृद्धि, स्वास्थ्य, और जीवन की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। इन प्रमुख कारणों के अध्ययन से हम समझ सकते हैं कि उनके प्रभावों को कैसे कम किया जा सकता है और कैसे लोगों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ जीवन की गारंटी दी जा सकती है।

नीतिक प्राथमिकता:

ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों की समझ नीति निर्माण में महत्वपूर्ण है। यह हमें इस समस्या को समझकर और उसके नियंत्रण में मदद करता है, जिससे हम साझेदारी, प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम करने के लिए नीतियों को समझने और लागू करने में सक्षम होते हैं।

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ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसके प्रमुख कारण लिखिए: एक निबंध

पर्यावरण के सवालों के बारे में चर्चा करना हमारे लिए आवश्यक है, क्योंकि यह हमारे प्लैनेट की सुरक्षा और विकास के साथ ही हमारे स्वास्थ्य और धर्मिकता के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। इस अनुच्छेद में, हम ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों की चर्चा करेंगे और यह भी देखेंगे कि पर्यावरण को बचाने का हमारे जीवन पर कैसा प्रभाव हो सकता है।

ग्लोबल वार्मिंग क्या है (What is Global Warming):

ग्लोबल वार्मिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें धरती की सतह पर होने वाले तापमान का वृद्धि होता है, जिसका प्रमुख कारण मानव गतिविधियाँ हैं जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण होती हैं। जब हम और अधिक गैसों को वातावरण में जारी करते हैं, तो यह गैसों तापमान को बढ़ावा देती हैं जिससे हमारी प्लैनेट की तापमान में वृद्धि होती है।

प्रमुख कारण (Primary Causes):

ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों में शामिल हैं वनस्पति काटना, उद्योगीकरण, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन, और जलवायु परिवर्तन।

वनस्पति काटने का प्रभाव (Impact of Deforestation):

वनस्पति काटने का प्रभाव ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों में से एक है, क्योंकि यह अंधाधुंध वनों को काटने से जुड़ा है। वनों का महत्व अनेक होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण उनकी कार्बन अवशोषण में होता है। वनस्पतियाँ कार्बन को अवशोषित करती हैं और इसे वातावरण से हटाती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में मदद मिलती है।

औद्योगिकीकरण का योगदान (Contribution of Industrialization):

औद्योगिकीकरण का योगदान भी ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों में से एक है, क्योंकि इसके साथ ही उद्योगों से ग्रीनहाउस गैसेस के उत्सर्जन का योगदान भी होता है। विभिन्न उद्योगों से आने वाली कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य टॉक्सिन्स वातावरण में छोड़ी जाती हैं, जिससे पूरे प्लैनेट के तापमान में वृद्धि होती है।

ग्रीनहाउस गैसेस (Greenhouse Gases):

ग्रीनहाउस गैसेस भूमि के ताप को फंसाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें से मुख्य ग्रीनहाउस गैसेस कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन शामिल हैं, जो तापमान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्यों यह महत्वपूर्ण है (Why This Matters):

ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों को समझना और उनका समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना हमारी प्लैनेट और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ खतरे में हैं। इसके बिना हमारे जीवन के संघटक परिणाम हो सकते हैं, जो हमारे वातावरण, समाज, और राजनीति पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा, यह हमारी प्लैनेट के साथ हमारे धर्मिकता के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दिखाता है।

इसलिए, हम सबको इस समस्या को समझने और इसका समाधान ढूंढने के लिए साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। हमारे संगठन, समाज, और सरकारों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान की दिशा में कदम उठाना होगा ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और सुरक्षित प्लैनेट दे सकें।

सामान्य प्रश्नों का उत्तर (FAQs):

  • प्रश्न: ग्लोबल वार्मिंग क्या है? उत्तर: ग्लोबल वार्मिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें धरती की सतह पर होने वाले तापमान का वृद्धि होता है, जिसका प्रमुख कारण मानव गतिविधियाँ हैं जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण होती हैं।
  • प्रश्न: ग्लोबल वार्मिंग के क्या प्रमुख कारण हैं? उत्तर: ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों में शामिल हैं वनस्पति काटना, उद्योगीकरण, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन, और जलवायु परिवर्तन।

निष्कर्ष (Conclusion):

इस लेख में हमने ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारणों की चर्चा की और यह भी देखा कि कैसे इसका हमारे जीवन पर और प्लैनेट के साथ कैसे प्रभाव हो सकता है। हमारे प्लैनेट के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुद्दे को समझें और उसके समाधान की दिशा में कदम उठाएं। यह हमारे लिए न केवल एक पर्यावरणिक मुद्दा है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, समाज, और धर्मिकता के संबंध में भी है। हम सभी को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना और काम करना होगा, क्योंकि हमारा प्लैनेट हमारे हाथों में है और हमें इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

|| लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद ||

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