नई दिल्ली, भारत – BRICS Summit 2023: भारत का चंद्रयान मिशन ने हाल ही में इतिहास रच दिया, लेकिन इस महत्वपूर्ण घटना के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में नहीं थे। वे जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में BRICS सम्मेलन 2023 में शिरकत कर रहे थे।
जब पूरा देश चंद्रयान मिशन की सफलता का जश्न मना रहा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां नहीं थे। वे जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में BRICS सम्मेलन 2023 में भाग ले रहे थे। यह ऐतिहासिक मिशन को छोड़कर वे क्यों इस सम्मेलन में जा रहे थे, इसका जवाब कई लोग जानना चाहते हैं।
क्या है BRICS Summit?
BRICS एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यह संगठन इन देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने का कार्य करता है। वे मिलकर विभिन्न ग्लोबल मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं, चाहे वो वाणिज्य हो, जलवायु परिवर्तन, या सुरक्षा मुद्दे।

BRICS पांच ऐसे विकसनशील देशों को एक साथ लाता है, जो मिलकर वैश्विक जनसंख्या का लगभग 41% और वैश्विक जीडीपी का लगभग 24% का हिस्सा बनते हैं। इन देशों का मिलकर वैश्विक व्यापार में लगभग 16% की भागीदारी है।
BRICS शिखर सम्मेलन विश्व की पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं का वार्षिक सम्मेलन है। यह 2006 में शुरू हुआ था और तब से यह एक प्रमुख वैश्विक मंच बन गया है जहां इन देशों के नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, राजनीति और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
2023 में, BRICS शिखर सम्मेलन 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने की थी।
BRICS शिखर सम्मेलन में भारत का महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत, BRICS का एक संस्थापक सदस्य है और यह समूह के विकास में प्रमुख भूमिका निभाता रहा है। भारत ने BRICS के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों का प्रस्ताव रखा है, जिनमें BRICS न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB), BRICS Contingent Reserve Arrangement (CRA) और BRICS Think Tank Dialogue शामिल हैं।
2023 के BRICS शिखर सम्मेलन में, भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। भारत ने कहा कि BRICS देशों को कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
भारत ने BRICS शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित मुद्दों पर भी चर्चा की:
- वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना
- व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करना
- जलवायु परिवर्तन से निपटना
- आतंकवाद और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों से निपटना
- ग्लोबल साउथ के देशों के लिए विकास और सहयोग को बढ़ावा देना
मौजूदा ब्रिक्स सदस्य देशों की सूची (BRICS SUMMIT COUNTRIES LIST)
- ब्राज़िल (B)
- रूस (R)
- भारत (I)
- चीन (C)
- दक्षिण अफ्रीका (S)
हाल की घोषणाओं के अनुसार, निम्नलिखित देशों को भी 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी संभावित भावी सदस्यता के लिए आमंत्रित किया गया है:
- सऊदी अरब
- संयुक्त अरब अमीरात
- ईरान
- मिस्र
- इथियोपिया
- अर्जेंटीना
BRICS के उद्देश्य:
- विश्व में एक बहुध्रुवीय व्यवस्था स्थापित करना जिसमें G7 देशों के साथ-साथ विकासशील देशों की भी बराबरी की भागीदारी हो।
- व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करना ताकि BRICS देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ सके।
- जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना।
- आतंकवाद और अन्य अवैध गतिविधियों का मुकाबला करना।
- ग्लोबल साउथ के उभरते देशों के लिए विकास और सहयोग के अवसरों का सृजन करना।
- विश्व अर्थव्यवस्था में भागीदारी बढ़ाना और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार लाना।
- ब्रिक्स देशों के बीच आपसी व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
भारत का रोल क्या है?
भारत ने 2021 में रूस से BRICS की अध्यक्षता संभाली और इसे 31 दिसंबर 2021 तक रखा। भारत की अध्यक्षता का समय BRICS की 15वीं वर्षगांठ के साथ मेल करता था, जिससे इसके काम की समीक्षा करने और इसे और भी कुशल और प्रासंगिक बनाने का सुनहरा अवसर मिला।
भारत की अध्यक्षता का ध्येय और दृष्टिकोण
भारत ने अपनी अध्यक्षता का ध्येय “BRICS@15: Intra BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus” रखा।
2021 में भारत की अध्यक्षता की प्राथमिकताएं
- बहुपक्षीय प्रणाली का सुधार: भारत ने वैश्विक नियमों और संगठनों में सुधार करने की कोशिश की।
- आतंकवाद के खिलाफ सहयोग: भारत ने BRICS देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत रणनीति बनाने का प्रयास किया।
- डिजिटल और प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग एसडीजीस (सांविदानिक विकास लक्ष्यों) को हासिल करने में: भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके विकासशील लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास किया।
- लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देना: भारत ने विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की।
भारत इस सम्मेलन में न केवल एक सदस्य है, बल्कि एक सक्रिय भूमिका भी निभा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नवाचार को प्रमोट किया। वे ने विकसनशील देशों में डिजिटल विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय योगदान को महत्वपूर्ण माना।
एक भारतीय अधिकारी ने कहा, ” भारत ने सदस्यता मानदंड और नए सदस्यों के चयन पर आम सहमति बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। ” अधिकारियों ने कहा, भारत के प्रयास “हमारे रणनीतिक साझेदारों को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने के हमारे उद्देश्य से निर्देशित” थे।
ब्रिक्स के साथ भारत का जुड़ाव क्या है?
2021 में भारत की अध्यक्षता के लिए प्राथमिकताओं में निम्नलिखित शामिल हैं: बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार • आतंकवाद विरोधी सहयोग • एसडीजी हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीकी उपकरण • लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाना।
ब्रिक्स देशों में भारत का कौन सा स्थान है?
गोल्डमैन सैक्स की भविष्यवाणी
रैंक 2050 | देश | 2025 |
---|---|---|
1 | चीन | 18,437 |
2 | भारत | 4,316 |
3 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 20,087 |
4 | ब्राज़िल | 2,831 |
BRICS पांच ऐसे विकसनशील देशों को एक साथ लाता है, जो मिलकर वैश्विक जनसंख्या का लगभग 41% और वैश्विक जीडीपी का लगभग 24% का हिस्सा बनते हैं। इन देशों का मिलकर वैश्विक व्यापार में लगभग 16% की भागीदारी है।
निष्कर्ष
BRICS सम्मेलन न सिर्फ अर्थशास्त्रीय सहयोग बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि यह विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श का भी अवसर प्रदान करता है। भारत की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ होता है।
इसी तरह से, BRICS सम्मेलन ने भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत पोजीशन प्रदान की है और भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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